द्वारा :- प्रदीप कुमार मलिक, पत्रकार चंडीगढ़: हरियाणा के गावों की गलियों में आईएसआई मार्का ही टाइलें का सच क्या है ? एक जनवरी से आईएसआई मार्का ही टाइलें लगेंगी लेकिन पहले बगैर आईएसआई ही चल रही हैं। गांवों की गलियां पक्की करने के लिए टाइलें और पेवर ब्लॉक के मामले में पंचायत विभाग का हैरतगेंज फैसलाबी लिया गया। पंचायत विभाग का यह नोटिफिकेशन 7 जून को जारी हो गया था। हांलाकि सरकार ने आईएसआई मार्का की टाइलें और पेवर ब्लॉक लगाने का फैसला तो ठीक लिया है, लेकिन यह फैसला एक जनवरी 2018 से ही क्यों लागू किया जा रहा है, पहले से क्यों नहीं? जबकि पंचायतों को वित्तीय शक्तियां भी अधिक दी गई हैं , अब पंचायतें 10 लाख की बजाए 20 लाख तक के कार्य करवा सकेंगी। प्रभाव - पंचायत विभाग से जुड़े रहे पूर्व इंजीनियरों के मुताबिक क्वालिटी से कभी समझौता नहीं किया जाना चाहिए। ज...
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Showing posts from September, 2017
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किसान १. किसानों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। २. किसानों के बच्चों की शिक्षा के स्तर को प्राथिमिकता देनी चाहिए। ३. किसानों को भी न्यूनतम वेतन जैसी सहायता मिले ,इस पर विचार होना चाहिए। ४. कृषि को फायदे का व्यवासय बनाने के लिये एक और हरित क्रांति जैसा कदम उठाना चाहिए। हमारी फोरम इन विषयों पर विचार करे और सरकार और किसानों के बीच प्रभावकारी भूमिका निभाए। एकता :- हमारी सारी सारी छोटी -बड़ी महा सभाएं और आरक्षण समितिएं एक हो जाएं। युवावर्ग:- १ युवाओं की शक्ति को सही मार्गदर्शन दिया जाये। २ युवावर्ग के लिया रोजगार के अवसर युद्ध-स्तर पर बढ़ाए जाएं। ३ नैतिक -मूल्यों में क्रन्तिकारी सुधारों की आवकश्यता पर जोर देना चाहिए। ४ पुरुष-वर्ग को महिला-वर्ग के प्रति अधिक संवेदनशील और सम्मानजनक रवैये के लिए जागरूक किया जाना चाहिए। हमारी फोरम इन विषयों पर विचार करे और सरकार और युवाओं के बीच प्रभावकारी भूमिका निभाए।
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Few facts to be clarified by the Chairman of BC commission Haryana / Govt. of Haryana सितम्बर 1 ,2017 - आर्डर pronounced only-लिखा हुआ अवेलेबल नहीं है। सर्वे हरयाणा पिछड़ा आयोग करेगा पता -SCO 41-43, sec 17A Chandigarh सर्वे कैसे होगा कोई गाइड लाइन कोर्ट ने नहीं दी चेयरमैन वही है या नया है कोई ?no update on webstie., still showing- Justice KC Gupta.जिनकी पिछले रिपोर्ट पर रिजर्वेशन ड्राप हुआ था सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान में धौलपुर और भरतपुर में कोर्ट के आर्डर से फील्ड सर्वे से डाटा कलेक्ट हुआ था, जनुअरी 2017 से रिपोर्ट दी जून 2017 में नोटिफिकेशन हुए 23 अगस्त में हरयाणा पिछड़ा आयोग कैसे सर्वे करेगा ? फील्ड सर्वे या डाटा जो पहिले से ऑफिसेस में है ? फील्ड सर्वे है तो ऑनलाइन या मैन्युअल या दोनों साथ साथ ? questionaire यानि प्र्शन कैसे होंगे ? आज के हालत पर या 2011 के सेन्सस के आधार पर ? अगर डाटा सिर्फ अलग अलग ऑफिसेस से लिया गया तो किसानों कीहालत कैसे पता चलेगी ? बेमोसम बारिश और सूखे ने उनकी कमर तोड़ रख...