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India's Investment in Afganistan

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 New Quadrilateral Security Dialogue (Quad)  U.S., Afghanistan, Pakistan, Uzbekistan (2021)- to promote the Afghan peace process, stability, trade-in region and enhancing regional connectivity, Meeting on 16th April 2021 of  6+2+1 Contact Group on Afghanistan 6= China, Iran, Pakistan, Tajikistan, Turkmenistan and Uzbekistan  2 = United States and Russia 1= Afghanistan  India sidelined from regional discussions on Afghanistan India was conspicuous by its absence from the meeting on April 16, given its historical and strategic ties with Afghanistan, but not for the first time. In December 2001, for example, the Indian team led by special envoy Satinder Lambah arrived in Germany’s Petersberg hotel near Bonn, where the famous Bonn agreement was negotiated, to find no reservations had been made for them at the official venue. In January 2010, India was invited to attend the “London Conference” on Afghanistan but left out of the room during a crucial meeting that deci...

Latest UK Prime Ministers

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 List of UK Prime Ministers from  Margret Thatcher to Boris Johnson   Conservatives (Tories) Margaret Thatcher  (12 yrs) 1979-1990          (1925–2013) John Major,   (7 yrs) 1990-97 David Cameron (6 yrs) 2010-16   Theresa May (3 yrs) 2016-19   Boris Johnson (2 yrs) 2016 ----till date     Labour. (1997-2010) Tony Blair (10 yrs) 1997-2007 Gordon Brown (3 yrs) 2007-2010 Poster war   ( 30.06.2021) Boris Johnson’s decision not to condemn Narendra Modi over the Indian Prime Minister’s policies on Kashmir has become an issue in a British by-election that takes place on Thursday. The Labour Party is fighting to hold on to the constituency of 80,000 voters at Batley and Spen in West Yorkshire where it has a slim majority of 3,525 and where polling shows the Tories are in the lead. In an effort to appeal to the constituency’s 8,600 Muslim voters, mostly Pakistani, the Labour party has issued a provocativ...

Chabahar–Zahedan-Bam-Hajigaj Railway

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    India had initially proposed a plan to construct a 900-km Chabahar-Zahedan-Hajigak railway line that would connect Chabahar to the mineral-rich Hajigak region of Afghanistan. In 2011, seven Indian companies acquired rights to mine central Afghanistan's Hajigak region, which contain Asia's largest deposit of iron ore. The Government of India had pledged to spend $2bn in developing supporting infrastructure. In May 2016, an MoU was also signed for the financing of the planned Chabahar–Zahedan railway section of Chabahar–Zahedan-Hajigak railway, as part of North-South Transport Corridor , by Indian Railway 's public sector unit Ircon International . India had offered to supply approximately $400 million worth of steel towards the construction of this railway, [63] as well as offered to finance the construction of the Chabahar to Zahedan rail line at a cost of $1.6 billion. India began shipping rail tracks worth US$150 million in July 2016, and in December 2016 Iran als...

राष्ट्रपति चुनाव 2022: भारत में कैसे चुना जाता है राष्ट्रपति?

राष्ट्रपति को कौन चुनता है? भारत के राष्ट्रपति को एक इलेक्टोरल कॉलेज चुनता है, जिसके सदस्य होते हैं: सभी विधानसभाओं के सदस्य (पुडुचेरी और दिल्ली समेत) राज्यसभा और लोकसभा सदस्य राज्यसभा के 12 मनोनीत सदस्यों को वोट डालने का अधिकार नहीं है. कुल मिलाकर विधानसभाओं के 4120 सदस्य और 776 संसद सदस्य राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं. एक विधायक के वोट का क्या मूल्य होता है? विधायक के वोट का मूल्य राज्यों पर निर्भर करता है. राज्य की आबादी वोट का मूल्य तय करती है. मूल्य तय करने के लिए 1971 सेंसस के मुताबिक राज्य की कुल आबादी को कुल विधायकों की संख्या से भाग दिया जाता है और फिर इसे 1000 से गुणा किया जाता है. इस कैलकुलेशन से दिल्ली के एक विधायक के वोट का मूल्य 58, यूपी में 218 और सिक्किम में 7 होता है. इस तरह से कैलकुलेशन करने पर विधायकों के कुल वोट का मूल्य 5,49,495 आता है. एक सांसद के वोट का क्या मूल्य होता है? लोकसभा और राज्यसभा के सांसद के वोट का मूल्य एक ही होता है और ये 708 होता है. इसे तय करने के लिए विधायकों के वोट के कुल मूल्य को दोनों सदनों में चुने हुए सांसदों की संख्या से भाग दिया जाता है. 5,...

CM पद की दावेदारी में बिखरा विपक्ष ?

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कर्नाटक चुनाव के दौरान देश के 17 स्वयं घोषित(self-proclaimed) #प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार एक मंच पर फोटोशूट करवाते दिखे। आज हमारे हरियाणा में भी ऐसे ही 10 से अधिक  स्वयं घोषित (self-proclaimed) मुख्यमंत्री  पद के उम्मीदवार हो चुके हैं।  इस लिस्ट को बढ़ाने का काम अब भी जारी है। इनेलो बंटवारे की राह पर है।सत्ता के लिये विधायकों को अपणी तरफ़ लाने के लिये कोशिशों के बारे में तो बहुत सुना था ,परन्तु  "विपक्ष" में बने रहने के लिए , कोई पार्टी  अपने विधायकों को लुभाने पर लगी हो  ऐसा पहली बार सुन रहे हैं । कांग्रेस का अभी तक बंटवारा तो नहीं हुआ ,पर अंदरूनी खाते बारूद के ढेर पर हैं।इन पार्टीज और नेताओं ने खुद ही ,अपने-अपने  अस्तित्व को खात्मे के कगार पर ला दिया है।  ख़बरों में बने रहने के लिए रोज़ नये-नए तरीके इज़ाद किये जा रहे हैं।  इसके लिए चाहे विधानसभा में जूतम-पैजार हो या सड़क पर रेलम-पेल कुछ और नहीं  तो चाहे पार्टी को अपने ही घर में ही जूत-बजाणा पड़े ,पर अपने कार्यकर्ताओं के नज़रों में अपना वज़...

नया हरियाणा कैसे बने (भाग-3 )

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रोडवेजकर्मी हड़ताल हम अपने प्रदेश को हड़ताल प्रदेश नहीं देखना चाहते। कर्मचारी जाने क्यूँ इस आख़री विकल्प को अपनी उचित /अनुचित माँगे मनवाने के लिए सबसे पहले  विकल्प के रूप में चुन रहे है। पहले गेस्ट टीचर, आशा वर्कर, होमगार्ड, फायर ब्रिगेड, बिजलीकर्मी और अब रोडवेजकर्मी हड़ताल पर हैं।                 हड़ताल के सीधे-सीधे मायने हैं -कर्मचारियों का काम ना करना (mass refusal of employees to work ) यह एक तरह का  Civil resistance   होता है (non-violent ) जो किसी न किसी  ताक़त या पॉलिसी के खिलाफ किसी अच्छे बदलाव की जननी होता है।  परन्तु आजकल हड़ताल का मतलब है चुनावी समय का फायदा उठाकर , राजनितिक गलियारों और अपने साथियों के बीच  अपनी पहचान और दबदबा बनाये रखना।  चाहे एस्मा ही क्यों न लगा हो।  सरकारी परिवहन समितियों (1993), नई परिवहन पालिसी (1999), वॉल्वो बस (2006) आदि के समय भी विरोध हुआ ,और यही हम किलोमीटर स्कीम के तहत चलाई जाने वाली किराये की प्राइवेट बसों के खिलाफ देख रहे हैं। क्यूँकि बहुत से...

नया हरियाणा कैसे बने --भाग -1

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परिवारवाद के शासन से मुक्ति हरियाणा जब से बना है तब से क्षेत्रिय दलों का दबदबा रहा है। और ज्यादातर पोलिटिकल परिवार ही हावी रहे हैं। अक्सर कास्ट बेस्ड पॉलिटिक्स की वजह भी यही राज-परिवार रहे हैं। हम भी, जाने क्यूँ भूल जाते हैं कि अंग्रेज़ कभी के चले गए हैं। अब हम किसी के गुलाम नहीं रहे , हम सभी बराबर हैं। कोई भी , चाहे किसी भी परिवार से हो, किसी भी वर्ग से हो ,किसी दूसरे व्यक्ति से बड़ा या सुपीरियर नहीं हो सकता। हमारी सिर्फ यही सोच हमें परिवारवाद के शासन से मुक्ति दि ला सकती है। जब भी परिवारवाद हावी होता है ,दरबारियों की पौ-बारह होती है। योग्यता गर्त में चली जाती है। सभी ऊंचे पदों पर भाई-भतीजावाद काबिज़ हो जाता है। बस यहीं से भ्रष्टाचार जड़ पकड़ना शुरू कर देता है। कोई भी ईमानदार किसी भ्रष्ट माहौल में ईमानदारी से काम नहीं कर पाता। बस इसके बाद सारी तरक्की रुक जाती है और जनता भी अपनी आवाज़ उठाने से डरने लगती है। आज दुनिया भर में साधारण परिवारों से ईमानदार लोग सत्ता पर काबिज़ हो रहे हैं। भारत में भी शरुआत हो चुकी है , आवश्यकता है नौजवानों के सामने आने की। परिवारवाद वाली राजनीतिक पार्टीज हमार...

महागठबंधन की राजनीति

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मिस्र के एक धार्मिक राजा थे सलाउद्दीन अयूबी। एक बार सारे चोर बदमाशों ने मिलकर विद्रोह कर दिया। उन्हें जंग टालने की सलाह दी गई।  पर वे बोले - बात तो ठीक है ,पर इससे बेहतर मौका मुझे नन्ही मिलेगा।  मैं कहाँ एक-एक को ढूंढ कर मारूंगा। इकट्ठे हो गए हैं तो एक ही बार में सबका फैसला हो जाने दो.  आज अगर सब , कर्णाटक में एक मंच पर खड़े 17 भावी प्रधानमंत्री एक ही साथ जनता के हाथों निबट जाएँ तो बहुत अच्छा।  हमरे देश की जनता को भी जातिवाद ,परिवारवाद ,भ्रष्टाचार के प्रतीकों को सबक सिखाने का मौका मिलेगा।  आज एक भी दल ऐसा नन्ही जो बीजेपी से पटखनी न खा चूका हो। अपने अस्तित्व को बचाना विपक्ष के लिये मोदी जी के सामने निश्चित तौर पर एक चुनौती है। हाँ कांग्रेस को विपक्षी दल भी धोखा देने से बाज़ नन्ही आते। कितने नाटकीय अंदाज़ में सोनिया गाँधी और मायावती की गाल से गाल मिलाकर ली गईं तस्वीरें वायरल हुई थीं।  मायावती जिसका खाता 2014 में जीरो था आज असेम्बली एलेक्शंस में कांग्रेस को ठेंगा दिखा रही हैं।   वाह रे महागठबंधन की राजनीति ! कौन किसका सगा है , सबने एक दूसरे को ठगा ...

S-400 deal- India killed many birds with one stone

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5th October - Indo-Russia pact on S-400 Missile, nuclear power stations, space and agriculture was signed without waiting for any approval from  Washington. In August 2017, the US passed an act CAATSA (  Countering America's Adversaries Through Sanctions Act ) and recently on 21st September imposed sanctions under the same act upon China and Russia for the deal of the same S-400 in between them. 6th October,  the US embassy clarified that CAATSA is not applicable on its strategic partners and allies and indicated no sanctions upon India Now, China is a rival and threat to the US  and India had secured a driving seat in the US-India relationship in the current scenario. Since the 1990s Russia was being felt eliminated from India and was drifting towards Pakistan and promoting its interests in Russia-Pak Military relationships and was not supporting India at the International forum on Kashmir Issues. Through this deal, our traditional ally is being brought closer...

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