यह बात बिल्कुल सही है कि पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के कार्यकाल में 1999 से लेकर 2005 तक आई एम् टी मानेसर का विकास हुआ। उनके समय में होंडा मोटर साइकिल एंड स्कूटर प्रायवेट लिमिटेड कपंनी जो जापान की है, वह आई इसके बाद मानेसर का विकास को पहिया लग गए और देखते राष्ट्रीय राजमार्ग नम्बर आठ पर बावल तक इंडस्ट्रियलिस्ट डेवलपमेंट शुरू हो गया। हीरो होंडा का एक गुड़गांव का प्लांट भी उनके समय में लगा, हीरो होंडा अब हीरो कोर्पस है, इसकी सहायक कई कम्पनियां उनके समय में लगी, लगता था की प्रदेश का ओधौगिक विकास हो रहा है। गुडगाँव में जो आईटी कम्पनियां आई हैं, इसका क्रेडिट इन कपंनियों को ही जाता है, इसमें सरकारों का कोई ज्यादा लेन देन नहीं है, क्योंकि गुड़गांव दिल्ली के नजदीक है, आज गुड़गांव में बड़ी से बड़ी मल्टी नेशनल कम्पनी का भी कॉर्पोरेट ऑफिस देखने को मिलेगा। नई दिल्ली का इंटर नेशनल हवाई अड्डा गुड़गांव के नजदीक होना भी इन कपमियों का गुडगाँव के प्रति मुख्य आकर्षण की वजह है।ये कम्पनियां स्वयं गुड़गांव आई. उसके बाद हुड्डा का कार्यकाल 2005 में शुरू हुआ, वे पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, होंडा ...
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Showing posts from 2017
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On December 28, a bill criminalising triple talaq was rushed through the lower house of Parliament and passed without much opposition. By late evening, the Muslim Women (Protection of Rights on Marriage) Bill, 2017 ( triple talaq bill ) had been passed. In fact, the most vocal opposition was by AIMIM president Asaduddin Owaisi. It was opposed by MPs from the RJD, AIMIM, BJD, AIADMK and All India Muslim League. They called it arbitrary and flawed. So, why was I, who fought tooth and nail to get the instant triple talaq declared null and void by Parliament, unhappy? How did I find myself on the side of the very people I had fought against in many TV studios over instant triple talaq? We had all rejoiced when the Supreme Court declared the practice of triple talaq as unconstitutional. That is how it should be. It was a practise that had no basis in either Quranic or constitutional law. I had rejoiced as an Indian, as a woman and as a Muslim that Indian Muslim women woul...
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PC and PNDT Act (THE PRE-NATAL DIAGNOSTIC TECHNIQUES (PNDT) ACT ) में छापे बेशुमार हुए पर कार्रवाई समझ से बाहर है। -पीसी एडं पीएनडीटी एक्ट में ताबड़तोड़ छापेमारी -अब तक के सारे रिकार्ड ध्वस्त -अक्तूबर 2014 से सितंबर 2017 तक 7224 जगह छापेमारी -लेकिन, मात्र 93 इंफोर्मर ही हुए सम्मानित, जिनकी रिपोर्ट सही थी -19 लोग ही दोषी पाए जिनको सजा हुई है , 10 डॉक्टरों के खिलाफ ही कोर्ट में चार्ज फ्रेम हो सके शिशु लिंगानुपात में बदनामी झेल रहे हरियाणा के माथे से अब बदनुमा दाग हल्का-हल्का हटने लग गया है। पीसी एडं पीएनडीटी एक्ट हरियाणा में विधिवत तौर पर 2001 में लागू हो गया था, लेकिन आज तक के इतिहास में इतनी ताबड़तोड़ छापेमारी कभी नहीं हुई जितनी की मनोहर लाल सरकार के कार्यकाल में हुई है। मिली जानकारी के मुताबिक अक्तूबर 2014 से सितंबर 2017 तक हरियाणा में 7224 जगह छापेमारी की गई। इस दौरान 236 अल्ट्रासाउंड की मशीनें सील कर दी गई हैं। इतना ही नहीं 244 के र...
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गया साल ये भी आख़िर, ये भी दिन गुज़र रहा है कहीं कुछ बिखर रहा है, कहीं कुछ सँवर रहा है ~आलोक श्रीवास्तव ज़िंदगी क्या जो बसर हो चैन से दिल में थोड़ी सी तमन्ना चाहिए ~जलील मानिकपूरी शहर का तब्दील होना शाद रहना और उदास, रौनक़ें जितनी यहाँ हैं औरतों के दम से हैं. -मुनीर नियाज़ी @Rekhta तेज़ हवा ने हर तरफ़ आग बिखेर दी तमाम अपने ही घर का ज़िक्र क्या शहर के शहर जल गए ~हसन आबिद “रह-रह आँखों में चुभती है पथ की निर्जन दोपहरी, आगे और बढ़ें तो शायद दृश्य सुहाने आएँगे” -दुष्यन्त कुमार (साये में धूप) करने गए थे उस से तग़ाफ़ुल का हम गिला की एक ही निगाह कि बस ख़ाक हो गए #मिर्ज़ा_ग़ालिब कोई मुझ तक पहुँच नहीं पाता इतना आसान है पता मेरा अब जो रिश्तों में बँधा हूँ तो खुला है मुझ पर कब परिंद उड़ नहीं पाते हैं परों के होते किस क़दर बद-नसीब हैं हम के हमें इंसानों की इस दुनिया में हमेशा इल्म और अक़ल की एहमियत साबित करना पड़ी है… गँवाई किस की तमन्ना में ज़िंदगी मैं ने वो कौन है जिसे देखा नहीं कभी मैं ने #जौन_एलि...
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हरियाणा सरकार एक तरफ बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की सफलता का दावा करते नहीं थकती तो वहीं दूसरी तरफ हरियाणा में सामान्य महिला को तो छोड़ें महिला अफसर और विधायक भी अ सुरक्षित महसूस करती हैं। यह सभ्य समाज के लिए शर्म और चिंता की बात है. हरियाणा में महिलाएँ कितनी सुरक्षित ? सिरसा जिले के खंड डबवाली की SDM रानी नागर ने सोशल मीडिया पर पुलिस सुरक्षा की पोल खोल दी है । वीडियो जारी करके अपनी जान को खतरा बताया है । इससे पहले भी हरियाणा की बीजेपी की विधायक संतोष सारवान भी सरकार पर आरोप लगा चुकी हैं कि कोई व्यक्ति उनका पीछा कर रहा था हालाँकि उसमें भी सरकार ने उन्हें सुरक्षा मुहैया करवा दी थी और इसके इलावा एक और मामला संज्ञान में आया था के पानीपत की महिला विधायक हैं रोहिता रेवडी ,उस पर भी हमले की बात आयी थी। कहने का मतलब यह के ,ये तो सामान्य महिला नहीं हैं। और जो यह महिला आज आरोप लगा रही है और जिस तरीके से ये लेटर लिखा है डबवाली की SDM हैं, एक IAS अफसर हैं और जैसा कि उन्होंने बताया की पहले भी उनका पीछा किया गया। हालाँकि पुलिस महानिदेशक ने निर्देश दे दिये हैं की इस महिला ...
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Haryana accepts every decision, but no one pays attention to its needs …. v Now Rajasthan demanding that it is not receiving sufficient water v In Haryana fields are dry even then it is quenching thirst of Delhi. v In Haryana the level of water table is continuously decreasing and consequently for irrigation, dependence on tube wells and rain is increasing. Chandigarh- water dispute between Haryana and Punjab is years old, now Rajasthan has also entered in this dispute by stating that it’s not getting sufficient water as per accord from Haryana .Surprisingly, as per previous accords Haryana has followed each and every decision but neighboring states had never been ready to act upon their parts. - It’s worth to be mentioned here that in Haryana Agricultural land is 40 lakhs hectare Irrigated by · ...
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Five years after 23-year-old Nirbhaya was brutally raped and murdered by five men on December 16, earning Delhi an epithet of "rape capital" of India, has the national capital become any safer for women? Crime data doesn't suggest so and females who live and work in the city and its peripheries also don't feel safer despite resolves by the centre and city governments to enhance women's safety According to National Crime Records Bureau (NCRB) data for 2016-17, Delhi reported the highest crime rate (160.4) compared to the national average rate of 55.2. The capital reported nearly 40 percent of rape cases (2,155 cases of rape, 669 cases of stalking and 41 cases of voyeurism) during the period. IANS spoke to few women, coming from different professional background about how safe they feel in the city. Sumitra Girotra, a Haryana girl who works in Noida but lives in a hostel in Delhi, feels "palpably unsafe even in the so-called posh areas of the city...