नहीं मानी दिल्ली, हवा फिर हुई धुंआ-धुंआ


सुना है कल  पटाखे बंद थे, कौन सी दिल्ली में बंद थे?
पटाखों पर बैन भी बिलकुल वैसा साबित हुआ, जैसे पंचकूला में धारा 144 हुई थी 
कल रात माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को बाज़ारों में बिकते हुए और धुआं होते हुए देखा 
दिवाली के बाद शुक्रवार की सुबह आसमान में प्रदूषण भरी धुंध साफ देखी जा सकती है. 
आंकड़ों की भी बात करें तो बीते साल दिवाली से प्रदूषण कम तो हुआ है लेकिन इसमें बड़ी गिरावट नहीं है.
उम्मीद थी कि इस रोक के बाद लोग पटाखे नहीं फो़ड़ेंगे और दिवाली की सुबह धुंध और प्रदूषण भरी नहीं होगी. 
लेकिन ऐसा नहीं हुआ, लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े और सुबह वायु प्रदूषण ख़तरनाक स्तर पर पहुंच गया.
 हमे प्रदूषण पर काम करना चाहिए न कि राजनीतिसंविधान कोर्ट के फैसले का सम्मान करना सबका धर्म है लेकिन अपने जोश में लोग कानून का उल्लंघन कर रहे हैं. किसी भी देश की कोर्ट कानून से बड़ा कोई नही है क्योंकि देश संविधान कानून से चलता है मानसिक गुलामी से नहींसुप्रीम कोर्ट  के  पटाखों पर एकतरफा बैन लगाने के बजाय कोर्ट इसे एक सलाह के रूप में जारी कर सकता था. कम ताकत के पटाखों को फोड़ने की सलाह भी दे सकता था. 

हम भी सरकार जैसे  हो गए हैं ,जब कोर्ट आर्डर इशू करती है तभी चौकन्ने होते हैं 

  in general , about haryana , NCR etc....
  

Comments

Popular Posts

Doordarshan Era Newsreaders and Anchors

मशहूर अमरूद की ललित किस्म अब अरुणाचल प्रदेश के किसानों की अामदनी बढ़ाएगी,

जाने ये किस की बनाई हुई तस्वीरें हैं -अमीर क़ज़लबाश

31 जनवरी 2018 तक पूरे देश के गन्ना किसानों का 13931 करोड़ रुपए बकाया है

अमीर क़ज़लबाश 1943-2003दिल्ली

बशीरबद्र

हर शाम एक मसअला घर भर के वास्ते -अमीर क़ज़लबाश

लहू में भीगे तमाम मौसम गवाही देंगे कि तुम खडे थे !

नया हरियाणा कैसे बने (भाग-3 )

SHARE YOUR VIEWS

Name

Email *

Message *