टूटते रिश्ते

कहतें हैं प्रेम अँधा होता है और विवाह आँखे खोलता है। आधुनिक जोड़े आज भी बिना एक दूसरे की अच्छी तरह जाने विवाह जैसा निर्णय जल्दबाज़ी में ले लेते हैं। फिर होता क्या है कि कुछ ही समय  में ही अलग रहने का रास्ता तलाशने लगते हैं।

स्त्रियां आज अधिक पढ़ी लिखी हैं , अधिक आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर हैं। तो विवाह की सफलता अधिकतर इस बात पर निर्भर करती हे कि एक दूसरे को, उनके माता -पिता को ,एक दूसरे की आदतों को ,जॉब्स को कौन  कितना और कब तक बदार्शत कर सकता है। स्त्रियां भी मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न के खिलाफ अपनी आवाज उठाने का होंसला रखती हैं और यदि अलग रहने की नौबत आये भी तो घबराती नही।

विवाह और तलाक़ आज दोनों ही आम सी बात हैं। एक सुखद विवाह किसी भी जोड़े की मानसिक और शारीरिक सेहत को भी बनाए रखता है। बढ़ते बच्चों के लिये भी खुश परिवार उन्हे मानसिक,शारीरिक , शिक्षा और सामाजिक समस्याओं से बचाता है। अलग रहना या तलाक़ लेना भावनात्मक रूप से तकलीफ़ देह होता है ,फिर भी सम्बन्ध विछेद को एक सकारातमक तरीके से लेना चाहिए। अपने कम्युनिकेशन को बनाये  रखें और बच्चों को  जीवन की वास्तिविकता को समझने में मदद करें।



"love is blind and marriage is an eye opener".couples without knowing each other well,decide to marry. and sometines within a month or even weeks seek to live separately.

Women are  well educated and financially independent . So success of marriage mainly depends upon the tolerance of each others , their parents, habits and even jobs. Strong and independent women also raise their voice against mental and physical torture . Even if they have to live separately ,decides so bravely.

Marriage and divorce  both are common things. A healthy marriage keeps the couple mentally and physically fit. Growing chlidren are also protected well from  mental,physical ,educational and social problems. To live separately or to get divorce should be taken in a healthy  and positive  way. Maintain a continuous communication with each other and help childern to understand the realities of life....

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