तलाश अभी खुद की बाकी है....... unknown
खुद में खुद की तलाश अभी बाकी है.....
ढूंढ़ता रहता हूँ खुद को खुद ही के सायें में...
जब से तलाश ज़माने में करनी छोड़ी है
खुद से सवाल करना बाकी है......
जवाब अभी खुद से ढूंढने कई बाकी हैं ..
भुलाने के लिए दर्द को.... झूठ बहुत बोले मैंने ..
ख़ुशी की खातिर अभी कुछ सच बोलना बाकी है
लड़खड़ाये कदम ..
राहे जिंदगी में तो क्या ?
मेरे कदमों में लय-ताल अभी बाकी है...
हर सच का निकला इक और चेहरा...
ये चेहरा वो चेहरा .......हर चेहरे पे एक और चेहरा.........
इक सच्चे चेहरे की तलाश अभी बाक़ी है....
अब तलाश चेहरों की छोड़......
दिल से रूबरू होना है
सामना खुद की नज़रों से होना भी अभी बाकी है
देखा है मैंने खुद को इस भीड़ की नजर से ...अब तक
जरा सवांर लूं खुद को फुरसत से
तलाश अभी खुद की बाकी है.......
----unknown
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