युधिष्ठिर को अंतिम शिक्षा
दूरदर्शन का सबसे चर्चित धरावाहिको में से एक बी.आर.चौपडा की महाभारत का एक दृश्य जिसमे भीष्म पितामह बाणों की शय्या पे लेटे हुए है। उसी समय पाण्डव भगवान कृष्ण के साथ वहां उन्हें ये बताने के लिए आते है की हस्तिनापुर अब चारो ओर से सुरक्षित है, क्यूंकि कौरवों का पराजय हो चुकी है और अब उसका राजा धर्मराज युधिष्ठिर हैं। उसी समय भगमान श्री कृष्ण पितामह से कहते है की आप युधिष्ठिर को अंतिम शिक्षा दीजिये, तो पितामह युधिष्ठिर से कहते है।
हे वत्स ! वो राजा कभी अपने देश के लिए सही नहीं होता है जो अपने देश के आर्थिक और सामाजिक रोगों के लिए अतीत को उत्तरदायी ठहरा के संतुष्ट हो जाये। यदि अतीत ने तुम्हे एक निर्बल आर्थिक और सामाजिक ढांचा दिया है तो उसे बदलो, उसे सुधारो क्यंकि अतीत तो यूँ भी वर्तमान के कौसौटी पे खड़ा नहीं उतरता है। क्यूंकि अगर अतीत स्वस्थ होता और उसमे देश को प्रगति के मार्ग पे ले जाने की शक्ति होती तो परिवर्तन होता ही क्यों”। भीष्म पितामह की ये बातें किसी भी सरकार पे लागु होती है। अच्छा काम करेंगे, उनके काम से देश और समाज का भला होगा तो उन्हें किसी अतीत की बुराई करने की जरुरत नहीं होगी।
Comments
Post a Comment