नया हरियाणा कैसे बने -- भाग -2

  सरकारी अध्यापक  से उमीदें ....



आज हम अच्छी गुणवत्ता वाली डिजिटल शिक्षा की बात करते हैं। । 12वें प्लानिंग कमिशन(2012-17) में Access, Equity, Quality and Governance.की बात कही गई है।  सदा से, ज्ञान-प्राप्ति (learning achievements) क्लास पास करने से अधिक महत्वपूर्ण है। पर हक़ीक़त में अध्यापक भी केवल स्कूली-किताब में छपा ( textual material) ही पढ़ाते हैं सभी विषयों में दसवीं तक कितने ही चैप्टर्स जाने कितनी बार अलग-अलग क्लास में अलग-अलग विषयों में शामिल हैं। 
 



कितनी मोटी-मोटी  किताबें और ज्ञान के नाम पर क्लास पास करने के बाद  कुछ भी याद  नहीं रहता। ऐसी शिक्षा किसी नकली दवाई की तरह है।  पैसे और समय की बर्बादी और मर्ज़ वहीँ का वहीँ। 
सरकारी स्कूल जहाँ अधिकतर गरीब तबके के हमारे बच्चे पढ़ते हैं वहाँ तो सर्विसेज का पूछो मत। आज सरकारी अध्यापक सिर्फ महीने की तनख्वाह पर काम करने वाला कामगार है शिक्षक नहीं। वह केवल अपनी सुविधाएं देखता है ,अपने लिये आंदोलन भी करता है।  क्या उसने कभी सोचा के उसके स्कूल की लैब अच्छी हो ,कमरे साफ-सुथरे हों , हर बच्चा स्वस्थ हो , रोज़ स्कूल आता हो ,स्कूल की चारदीवारी ऊंची हो , चौकीदार ड्यूटी पे हो, सरकारी  पैसा जो शिक्षा के खर्च के लिये आबंटित किया गया हो ,बड़ी ईमानदारी के  साथ स्कूल और छात्रों के भलाई के लिये हो..? 



हमें भी बड़ा घमंड होता है अपने बच्चों को सबसे महंगे प्राइवेट स्कूल में पढ़ा कर।  सबको बताते फिरते हैं की मेरी औलाद फलां-फलां स्कूल में पढ़ती है।  कटु-सत्य यह है की पढाई की दुकानों में केवल डिग्री मिलती है ज्ञान नहीं। ज्ञान के लिये  अच्छा शिक्षक स्कूल की परवाह नहीं करता , वह तो निम्नतर सुविधाओं में भी अपने छात्र को निखार देता है।  


सरकारी अध्यापक जो वास्तव में प्राइवेट स्कूल टीचर से विषय का ज्ञान भी अक्सर कम रखते हैं  ,काम भी कम करते हैं और तो और  उनसे अधिक वेतन और सुविधाएं ले रहे हैं।




आज एक सख्त कदम की बेहद जरुरत है। सभी सरकारी स्कूल के अध्यापक और सरकारी अधिकारी (डी सी ,एस पी आदि ) के बच्चे  केवल सरकारी स्कूल में ही पढ़ेंगे ,अन्यथा उन पर फाइनेंसियल पेनल्टी लगे या प्रमोशनल बेनिफिट पर रोक लगे। यदि ऐसा हो तो सरकारी टीचर्स पर अच्छी सर्विसेज का दबाव रहेगा।  और इसका फायदा निश्चित तौर पर हमारे गरीब तबके के बच्चों का होगा। तभी शिक्षा पर सरकारी खर्च का लाभ हमारे समाज को मिलेगा। अगर हमारी शिक्षा अच्छी होगी तभी हमारा हरियाणा  तेज़ी से तरक़्क़ी करेगा 





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