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जाने ये किस की बनाई हुई तस्वीरें हैं -अमीर क़ज़लबाश

जाने ये किस की बनाई हुई तस्वीरें हैं  ताज सर पर हैं मगर पाँव में ज़ंजीरें हैं  क्या मिरी सोच थी क्या सामने आया मेरे  क्या मिरे ख़्वाब थे क्या ख़्वाब की ताबीरें हैं  कितने सर हैं कि जो गर्दन-ज़दनी हैं अब भी  हम कि बुज़दिल हैं मगर हाथ में शमशीरें हैं  चार जानिब हैं सियह रात के साए लेकिन  उफ़ुक़-ए-दिल पे नई सुब्ह की तनवीरें हैं  उस की आँखों को ख़ुदा यूँ ही सलामत रक्खे  उस की आँखों में मिरे ख़्वाब की ताबीरें हैं 

हर शाम एक मसअला घर भर के वास्ते -अमीर क़ज़लबाश

हर शाम एक मसअला घर भर के वास्ते बच्चा ब-ज़िद है चाँद को छू कर भी आएगा किसी की बेवफ़ाई का गिला था न जाने आप क्यूँ शरमा रहे हैं ये दीवाना किसी की क्या सुनेगा ये दीवाने किसे समझा रहे हैं अपने हमराह ख़ुद चला करना कौन आएगा मत रुका करना ख़ुद को पहचानने की कोशिश में देर तक आइना तका करना वो पयम्बर था भूल जाता था सिर्फ़ अपने लिए दुआ करना यार क्या ज़िंदगी है सूरज की सुब्ह से शाम तक जला करना कुछ तो अंदाज़ा-ए-तूफ़ाँ हो 'अमीर' नाव काग़ज़ की चला कर देखूँ देख के मुझ को गुम-सुम हैं आए थे समझाने लोग ख़ुशी की लहर दौड़ी दुश्मनों में वो शायद दोस्तों में घिर गया है सभी को पार उतरने की जुस्तुजू लेकिन न बादबाँ न समुंदर न कश्तियाँ अपनी वो जो इक शख़्स ब-ज़िद है कि भुला दो मुझ को भूल जाऊँ तो उसी शख़्स को सदमा होगा घर से निकलूँ तो मना कर लाऊँ वो तबस्सुम जो ख़फ़ा है लब से इक परिंदा अभी उड़ान में है तीर हर शख़्स की कमान में है लोग जिस हाल में मरने की दुआ करते हैं मैं ने उस हाल में जीने की क़सम खाई है आग में लिपटा हुआ हद्द-ए-नज़र तक साहिल हौसला डूबने वालों का बढ़ा देता था ...

SC/ ST एक्ट के प्रावधानों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

SC/ ST एक्ट के प्रावधानों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत अपराध में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश - कोई ऑटोमैटिक गिरफ्तारी नहीं होगी - गिरफ्तारी से पहले आरोपों की जांच जरूरी - गिरफ्तारी से पहले जमानत -केस दर्ज करने से पहले DSP स्तर का पुलिस अधिकारी से प्रारंभिक जांच - अग्रिम जमानत पर भी कोई संपूर्ण रोक नहीं है। - किसी सरकारी अफसर की गिरफ्तारी से पहले उसके उच्चाधिकारी से अनुमति जरूरी होगी

बशीरबद्र

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ख़ुदा की इतनी बड़ी काएनात में मैं ने, बस एक शख़्स को माँगा मुझे वही न मिला... शोहरत की बुलंदी भी पल भर का तमाशा है... जिस डाल पे बैठे हो वो टूट भी सकती है !!! # बशीरबद्र . मैं खुद भी ऐहतीयातन उस गली से कम गुजरता हूँ ... कोई मासूम क्यो मेरे लिए #बदनाम हो जाये ... - बशीर बद्र बहुत अजीब है ये क़ुर्बतों की दूरी भी, वो मेरे साथ रहा और मुझे कभी न मिला... More बात क्या है के मशहूर लोगों के घर, मौत का सोग होता है त्यौहार सा... जिस दिन से चला हूँ मिरी मंज़िल पे नज़र है आँखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा सब लोग अपने अपने ख़ुदाओं को लाए थे, इक हम ही ऐसे थे कि हमारा ख़ुदा न था... लोग टूट जाते हैं, एक घर बनाने में तुम तरस नहीं खाते, बस्तियाँ जलाने में हर धड़कते पत्थर को, लोग दिल समझते हैं उम्र बीत जाती है, दिल को दिल बनाने में पेश-ए-नज़र थी मंज़िल-ए-जानाँ की जुस्तुजू और फिर रहा हूँ अपना पता ढूँडता हुआ "आंखों में जो छुपे है वो राज़ देखते है, हम उनके देखने का अन्दाज़ देखते है।। More कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से ये नए...

31 जनवरी 2018 तक पूरे देश के गन्ना किसानों का 13931 करोड़ रुपए बकाया है

31 जनवरी 2018 तक पूरे देश के गन्ना किसानों का 13931 करोड़ रुपए बकाया है, जिसे चीनी कारखानों को चुकाना है। सबसे ज्यादा बकाया तो उत्तर प्रदेश के किसानों का है सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुना करना चाहती है। सरकार इसके लिए प्रयास भी कर रही है। लेकिन जो पुरानी समस्याएं हैं, उनकी ओर सरकारों का ध्यान ही नहीं है। केंद्र और प्रदेश सरकारों को लगता है कि कर्ज माफी से किसानों की दशा सुधर जाएगी। आपको ये जानकार आश्चर्य होगा कि देशभर के गन्ना किसानों का 13 हजार करोड़ रुपए (13 अरब) का भुगतान रुका हुआ है। उत्तर प्रदेश, रायबरेली के तहसील मीरगंज, गांव करनपुर के गन्ना किसान जबरपाल सिंह (47) बताते हैं "प्रदेश की योगी सरकार में स्थिति में थोड़ा सुधार तो आया है। लेकिन फिर मेरा दो महीने से भुगतान रुका है। भुगतान में देरी होने के कारण अगली फसल में देरी हो जाती है। मैं 27 एकड़ में गन्ना लगाता हूं। लगभग 4 लाख रुपए का भुगतान बकाया है। शुगर मिल से कोई उचित जवाब मिलता ही नहीं।" महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को 136 शुगर मिलों को नोटिस भेजा है। प्रदेश के इन मिलों ने गन्ना किसानों का 2000 करोड़ रुपए बक...

मशहूर अमरूद की ललित किस्म अब अरुणाचल प्रदेश के किसानों की अामदनी बढ़ाएगी,

अपने लाल गूदे की वजह से मशहूर अमरूद की ललित किस्म अब अरुणाचल प्रदेश के किसानों की अामदनी बढ़ाएगी, केन्द्रीय उपोष्ण एवं बागवानी संस्थान (सीआईएसएच) के प्रयासों से संभव हो सका है। पिछले साल वहां के किसानों ने केन्द्रीय उपोष्ण एवं बागवानी संस्थान (सीआईएसएच) से गुलाबी अमरूद के एक लाख पौधे खरीदे थे, पौध देने के साथ ही यहां के विशेषज्ञों ने उन्हें प्रशिक्षण भी दिया था, ये पौधे वहां के वातावरण के लिए इतने सही साबित हुए कि कम समय ही उनमें फूल आ गए। सीआईएसएच के निदेशक डॉ. शैलेन्द्र राजन बताते हैं, "अरुणाचल प्रदेश के किसान लिखा माज ने आठ किसानों के साथ मिल करीब 105 हेक्टेयर जमीन में एक लाख पौधे लगाए, वहां की जमीन बहुत उबड-खाबड़ और पथरीली है, लेकिन किसानों के प्रयास से पौधे तैयार हो गए और उसमें फूल-फल भी आ गए, मैंने वहां जाकर भी देखा अच्छी बागवानी तैयार हो रही है।" अरुणाचल प्रदेश में अनानास, संतरा, सेब, अनार, आलू बुखारा सहित अन्य पहाड़ी फलों की बागवानी होती है। बारिश के मौसम में वे ट्रकों के जरिए लाखों रुपये खर्च करके पौधे ले गए। वहां उन्होंने खुद पौधे लगाने के साथ दूसरे किसानों ...

इच्छा मृत्यु की मंजूरी देने तक का घटनाक्रम जानिए

नयी दिल्ली।  असाध्य रोग से ग्रसित लोगों को इच्छा मृत्यु की मंजूरी देने तक का घटनाक्रम कुछ इस प्रकार है..... 11 मई, 2005 :  सुप्रीम कोर्ट ने असाध्य रोग से पीड़ित व्यक्ति को निष्क्रिय अवस्था में इच्छा मृत्यु की अनुमति देने संबंधी गैर सरकारी संगठन कॉमन कॉज की याचिका को मंजूरी दी। न्यायालय ने सम्मान के साथ मृत्यु के अधिकार को संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत मौलिक अधिकार के रूप में घोषित करने का अनुरोध करने वाली याचिका पर केन्द्र से जवाब मांगा। 16 जनवरी, 2006 :  सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली चिकित्सा परिषद (डीएमसी) को हस्तक्षेप करने की अनुमति दी और निष्क्रिय अवस्था में इच्छा मृत्यु पर दस्तावेज दायर करने का निर्देश दिया। 28 अप्रैल, 2006 :  विधि आयोग ने निष्क्रिय अवस्था में इच्छा मृत्यु पर एक विधेयक का मसौदा तैयार करने की सलाह दी और कहा कि उच्च न्यायालय में दायर ऐसी याचिकाओं पर विशेषज्ञों की राय लेने के बाद ही फैसला हो। 31 जनवरी, 2007 :  न्यायालय का सभी पक्षों से दस्तावेज दायर करने का निर्देश। 7 मार्च, 2011 :  अरूणा शानबाग की ओर से दायर अन्य याचिका पर न्यायालय...

साहिर लुधियानवी

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"हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उट्ठें वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं " हिंदू ना मुसलमान है इश्क़ इश्क़ आज़ाद है आप ही धर्म है और आप ही ईमान है इश्क़ माना कि इस ज़मीं को न गुलज़ार कर सके कुछ ख़ार कम तो कर गए गुज़रे जिधर से हम संसार की हर शय का इतना ही फ़साना है इक #धुँध से आना है इक #धुँध में जाना है ये राह कहाँ से है ये राह कहाँ तक है ये राज़ कोई राही समझा है न जाना है हम लोग खिलौना हैं इक ऐसे खिलाड़ी का जिस को अभी सदियों तक ये खेल रचाना है इक धुँध से आना है इक धुँध में जाना है # साहिरलुधियानवी वो सुबह कभी तो आयेगी बीतेंगे कभी तो दिन आख़िर, ये भूख के और बेकारी के टूटेंगे कभी तो बुत आख़िर, दौलत की इजारादारी के सुबह कभी तो आयेगी इन काली सदियों के सर से, जब रात का आंचल ढलकेगा जब दुख के बादल पिघलेंगे, जब सुख का सागर छलकेगा कौन रोता है किसी और की ख़ातिर, ऐ दोस्त सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया कब आयेंगे तुमसे बेहतर कहने वाले.. हमसे बेहतर सुनने वाले। ख़त्म करो तहज़ीब की बात, बन्द करो कल्चर का शोर। सत्य, अहिंसा सब बकवास, तुम भी क़ातिल हम भी चोर। इस रें...

जो मांगे ठाकुर अपने ते सोई सोई देवै

जो मांगे ठाकुर अपने ते  सोई सोई दे वै The Lord gives whatever is asked from Him.  चतुर दिसा कीनो बल अपना, सिर ऊपर कर धारयो He has spread His power in the four directions, and has put His hand on my head. किरपा कटा ख अवलोकन कीनो, दा स का दुःख बिदारयो Looking with gracious eyes, He has removed the pain of His servant. हरजन  राखे गुरु गोबिंद ,राखे गुरु गोबिंद... Master, who is the Lord, protects His people Himself. कंठ लाये,अवगुण सब मेटे,दयाल पुरख बकशिंद One embraces (me),  Removing all the bad qualities, the Compassionate and Forgiving नानक दास मुख ते जो बोलै ,इहाँ उँहा सच होवै   Whatever Nanak, the servant, speaks from His mouth becomes true here and hereafter.

सिंचाई महकमें-जमकर लूटो और फिर बच निकलो

जमकर लूटो और फिर बच निकलो -हरियाणा के सिंचाई विभाग में जमकर लूट मचाओ और फिर बच निकलो, क्योंकि कार्रवाई किसी पर होनी ही नहीं है। जी हां, सालों से इस महकमें में यही होता आ रहा है। यहां पर जांच पर जांच का खेल चलता रहता है। सिंचाई महकमें में पूर्व सरकार के दौरान सिरसा का ओटूवीयर झील घोटाला हुआ था, जिसमें करीब 100 करोड़ का करप्शन था। हैरानी की बात यह है कि पूर्व सरकार ने इस भ्रष्टाचार  में 32 इंजीनियरों को सस्पेंड किया और फिर जाते-जाते सभी  इंजीनियरों को बहाल भी  कर गई और उनको क्लीन चिट भी  दे गई।  इसके अलावा पूर्व सरकार में ही हथनी कुंड बैराज घोटाला हुआ, पूर्व सरकार के समय में हथनी कुंड बैराज मरम्मत के लिए 2010 में 40 करोड़ रुपए के काम अलॉट हुए थे, लेकिन जब 17 करोड़ के काम पूरे हो चुके थे तो पता चला कि हथनी कुंड बैराज मरम्मत के लिए सीमेंट की जगह रेत से यमुना के किनारे पक्के किए जा रहे हैं। सिंचाई विभाग की विजिलेंस ने अपनी जांच में पाया कि यहां तो सारा ही गोलमाल हो रहा है। श्रीराम लैब में भेजकर सैंपल जांच करवाए तो 90 प्रतिशत से अधिक सैंपल फेल पाए। इस मा...

डिफॉल्टर बिजली उप•ोक्ता बने हुए हैं जी का जंजाल

डिफॉल्टर बिजली उप•ोक्ता बने हुए हैं जी का जंजाल -आज के दिन 7449 करोड़ 94 लाख रुपए डिफॉल्टरों में फंसा हुआ है -केंद्र सरकार बना रही है नए नियम, डिफॉल्टरों पर रहम नहींं -ईमानदार बिजली उप•ोक्ताओं को दें हर हाल में 24 घंटे बिजली चंडीगढ़। हरियाणा की बिजली वितरण कंपनी उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) के लिए डिफॉल्टर बिजली उप•ोक्ता जी का जंजाल बने हुए हैं। आज के दिन इन दोनों निगमों का 7449 करोड़ 49 लाख रुपए डिफॉल्टर बिजली उप•ोक्ताओं में फंसा हुआ है। इसकी रिकवरी के लिए सर्दी के मौसम में बिजली निगम के अधिकारियों को पसीना आया हुआ है। महत्वपूर्ण बात यह है कि केंद्रीय बिजली मंत्रालय बहुत जल्द ऐसे नियम लागू करने जा रहा है, जिसमें डिफॉल्टर बिजली उप•ोक्ताओं पर कोई रहम नहीं करना और ईमानदार बिजली उप•ोक्ता को हर हाल में 24 घंटे बिजली देना हर हाल में सुनिश्चित करना है। केंद्रीय बिजली मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हर हाल में 3 माह के अंदर-अंदर स•ाी लंबित बिजली कनेक्शनों को जारी करें, इसके अलावा इस दौरान कोई बिजली उप•ोक्ता अपना पुरान...

सम्मान समय और स्थिति का होता है,

-सम्मान समय और स्थिति का होता है, जिसे इंसान अपना समझ लेता है, जब इंसान पावर में होता है तो कई बार वह  पब्लिक को कीड़े मकोड़े समझना शुरू कर देता है. कितनी बड़ी बात है कि 5 मार्च 2005 से लेकर 26 अक्तूबर 2014 तक एक छत्र राज करने वाले हुड्डा के ओएसडी महेंद्र सिंह चोपड़ा सीएम से भी पावर फुल होते थे, यह कहें कि सुपर सीएम थे तो काई अतिश्योक्ति नहीं होगी, इनके सरकारी मकान नंबर 70 सेक्टर 7 जिसमें आजकल विपुल गोयल रहते हैं, यह मकान इनके पास था. खुद हुड्डा साहब तक इनके मकान में आते थे ओर सरकारी काफिले को वापस भेज देते थे, इनके घर के बाहर अफसरों की भीड़ लगी रहती थी, आईएएस और आईपीएस की पोस्टिंग यहीं से होती थी, इस कोठी में किरण चौधरी और महेंद्रप्रताप को छोडक़र सभी उस समय के मंत्री भी मत्था टेकने आते थे, खुद रणदीप सिंह सुरजेवाला भी यहां निरंतर आते रहे हैं, उस समय चोपड़ा साहब के पास वक्त नहीं होता था, एक बार तो सतपाल  सांगवान इनके घर के बाहर कई मिनट खड़े होकर चले गए, लेकिन उनसे भी नहीं मिले, लेकिन  अब देखिए वक्त, चोपड़ा साहब जब हुड्डा की दिल्ली कोठी में होते हैं तो अखबार पढ़ते रहते है...

मेरा किसान कुंभकरण की नींद सो रहा है

कुछ बातें आज 90 वर्षों बाद भी वही की वही ठहरी लगती है खासकर किसानो के बारे . आज से लगभग 90 वर्ष पहले सर छोटूराम ने जाट गजट में लिखा की -मेरा किसान कुंभकरण की नींद सो रहा है, मैं उसे जगाने की कोशिश मे लगा हूं ,कभी उसके तलवे पर गुदगुदी करता हूं ,कभी उसके मुंह पर पानी के ठंडे छींटें मारता हूं ,वह आंख खोलता है, करवट बदलता है ,अंगड़ाई लेता है और जंभाई लेकर फिर सो जाता है. 1970 में गेहूं का का भाव 76 रुपए प्रति किवंटल था और उस समय सोने का भाव 184 रुपए का दस ग्राम होता था, उस दौरान किसान करीब ढ़ाई किवंटल गेहूं बेचकर एक तोला सोना खरीद लेता था। आज सोने का price 30 हजार रुपए प्रति तोला है और गेहूं का भाव 1625 रुपए प्रति किवंटल है। आज हरियाणा में 16 लाख 17 हजार किसान परिवार हैं, इन किसान परिवारों से ही सेना और अर्ध सैनिक बलों में जवान भर्ती होते हैं, हमारे जवान जब देश की सीमा पर लड़ रहे होते हैं तो एक ध्यान उसका अपने बुजुर्ग माता पिता की ओर होता है, कि पता नहीं मेरे बाप को फसल के सही दाम मिले भी है या नहीं.जवान को यह चिंता हमेशा सताती है. आज देश मे करीब 60 करोड़ आबादी किसानों की ह...

फसल के वक्त अनाज सस्ता , बाद में महंगा,

फसल के वक्त अनाज सस्ता , बाद में महंगा, यह सन्तुलन बिठाने में सरकार पूरी तरह नाकाम -अब समय आ गया है एक बार किसान की स्लेट साफ कर देनी चाहिए -किसानों की पीड़ा यह है कि कभी उनको फसल के सही दाम नहीं मिले. कमीशन फ़ॉर एग्रीकल्चरल कॉस्ट एडं प्राइस (सीएसीपी) ने कभी भी किसानों को उनकी फसलों के सही दाम नहीं दिए. सरकारें कहती हैं कि किसान को परंपरागत फसलें छोड़कर सब्जियों और फूलों की खेती करनी चाहिए.लेकिन ,अब जो किसान सब्जियां उगाते हैं, उनकी हालत भी बहुत दयनीय है. किसान की लौकी जहां 2 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिकती है और वही लौकी दिल्ली पहुंचते पहुंचते उसकी कीमत 15 गुना बढ़ जाती है और यह लौकी 30 रुपए किलो में बिकती है.दूसरी सब्जियों का भी यही हाल है. अब हरियाणा का किसान सालों से सूनता आ रहा है कि हरियाणा में विश्व स्तर की होर्टिकल्चर मंडी बनेगी, इसके लिए प्रदेश के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ विदेशों के दौरे भी कर रहे हैं, लेकिन लगता नहीं कि इस सरकार के कार्यकाल में यह मंडी बनकर तैयार हो जाएगी.इसके अलावा हरियाणा में एक फूलों की मंडी भी बननी है, वह भी अ...

महिला आरक्षण बिल-Few points

महिला आरक्षण बिल-(part-1) ( Few points against women reservation to be discussed) संसद में करीब दस प्रतिशत महिला सांसद हैं. विधानसभाओं में तो और भी कम हैं. राजनीतिक पार्टियों में महिला पदाधिकारियों की संख्या में इज़ाफ़ा हुआ है लेकिन राजनीति में महिलाओं की भूमिका सीमित है, जबकि आज वे हर क्षेत्र में बढ़ रही हैं. 1. पुरुष सत्ता और ताकत के बंटवारे के लिए तैयार नहीं है 2. शहरी महिलाएं संसद में आएंगी और गरीब-पिछड़ी, दलित महिलाओं को मौका नहीं मिलेगा 3. महिलाएं चाहती hein कि वो आरक्षण के रास्ते नहीं बल्कि अपने बलबूते पर आएं. 4. 'पावर' एक स्तर पर पहुंचकर महिला-पुरुष में फ़र्क नहीं करती इसलिए शक्तिशाली महिलाएं और महिलाओं के हक़ में काम करें ये ज़रूरी नहीं. 5. महिलाओं के आरक्षण से परिवारवाद की शक्ल में,पत्नियों, बहुओं, और बेटियों को ही बढ़ावा मिले." 6. आरक्षण नहीं ज़मीनी स्तर पर औरतों की भागीदारी बढ़ाने से ही बदलाव आएगा - महिला सरपंच तो बन जाती है पर असली ताकत उनके परिवार के पुरुष अपने हाथ में रखते हैं. 7. राजनीति में महिलाओं का प्रतिनिधित्व तभी बढ़ेगा जब पुरुष ये समझ जाएंगे कि उनसे ...

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