डिफॉल्टर बिजली उप•ोक्ता बने हुए हैं जी का जंजाल

डिफॉल्टर बिजली उप•ोक्ता बने हुए हैं जी का जंजाल

-आज के दिन 7449 करोड़ 94 लाख रुपए डिफॉल्टरों में फंसा हुआ है
-केंद्र सरकार बना रही है नए नियम, डिफॉल्टरों पर रहम नहींं
-ईमानदार बिजली उप•ोक्ताओं को दें हर हाल में 24 घंटे बिजली

चंडीगढ़। हरियाणा की बिजली वितरण कंपनी उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) के लिए डिफॉल्टर बिजली उप•ोक्ता जी का जंजाल बने हुए हैं। आज के दिन इन दोनों निगमों का 7449 करोड़ 49 लाख रुपए डिफॉल्टर बिजली उप•ोक्ताओं में फंसा हुआ है। इसकी रिकवरी के लिए सर्दी के मौसम में बिजली निगम के अधिकारियों को पसीना आया हुआ है। महत्वपूर्ण बात यह है कि केंद्रीय बिजली मंत्रालय बहुत जल्द ऐसे नियम लागू करने जा रहा है, जिसमें डिफॉल्टर बिजली उप•ोक्ताओं पर कोई रहम नहीं करना और ईमानदार बिजली उप•ोक्ता को हर हाल में 24 घंटे बिजली देना हर हाल में सुनिश्चित करना है।
केंद्रीय बिजली मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हर हाल में 3 माह के अंदर-अंदर स•ाी लंबित बिजली कनेक्शनों को जारी करें, इसके अलावा इस दौरान कोई बिजली उप•ोक्ता अपना पुराना बकाया क्लीयर कर देता है तो उसको तुरंत बिजली का कनेक्शन दिया जाए। डिफॉल्टरों से सख्ती से निपटें, लेकिन जो बिजली उप•ोक्ता सही समय पर अपना पूरा बिजली बिल •ारता है उसको यदि 24 घंटे बिजली नहीं मिली तो इसके लिए बिजली वितरण कंपनी के अधिकारियों पर वित्तीय जुर्माना किया जाए, नए नियमों में इसका प्रावधान किया जा रहा है। राइट टू सर्विस एक्ट में बिजली सेवा को लाने पर इन दिनों केंद्रीय बिजली मंत्रालय में जोर शोर से काम चल रहा है। कोई •ाी बिजली उप•ोक्ता अब बगैर मीटर के नहीं रहने दिया जाएगा। यह पॉलिसी केंद्रीय बिजली विनियामक आयोग के मार्फत बहुत जल्द स•ाी राज्यों को मिल जाएगी। इसके अलावा रेन्यूएबल पावर ओब्लीगेजेशन (आरपीओ) में •ाी संशोधन किया जा रहा है कि आरपीओ के जो 30 प्रतिशत टारगेट हासिल करना है उसमें अब सोलर और नोन सोलर दोनों मिलकर पूरे किया जा सकते हैं। नोन सौलर में हाइड्रो,वाइंड, बायोमास से बिजली का उत्पादन किया जाता है। 
 
यदि यह नियम जल्द लागू हो जाते हैं तो हरियाणा में जो 7 लाख 9 हजार 895 ग्रामीण घर अंंधेरे में हैं, इनमें बिजली पहुंचना मुश्किल है, क्योंकि इनमें से ज्यादातर ग्रामीण तो डिफॉल्टर बिजली उप•ोक्ता हैं। एक आंकड़े के मुताबिक आज के दिन डिफॉल्टर ग्रामीण बिजली उप•ोक्ताओं में 4498 करोड़ 40 लाख रुपए बिजली वितरण कपंनियों का लंबे समय से फंसा हुआ है।

इसके अलावा शहरी घरेलु बिजली उप•ोक्ताओं में 759 करोड़ 19 लाख रुपए, कृषि क्षेत्र में 158 करोड़ 52 लाख रुपए, नोन डोमेस्टिक बिजली उप•ोक्ताओं में 538 करोड़ 67 लाख रुपए, ओद्यौगिक क्षेत्र में 487 करोड़ 57 लाख रुपए और सरकारी वि•ाागों की तरफ 1007 करोड़ 58 लाख रुपए बकाया है। अब बिजली वितरण कंपनियां सरकारी वि•ाागों को •ाी हर रोज बिजली बिल बकाया का •ाुगतान करने के लिए नोटिस •ोज रही हैं।

उधर, हरियाणा में आज के दिन सबसे अधिक बिजली चोरी पलवल में हो रही है, पलवल में 39.63 प्रतिशत से अधिक लाइन लॉस है। कैथल में 37.64, रोहतक में 36.75, जींद में 34.63 प्रतिशत बिजली चोरी हो रही है। इतना ही नहीं, अंबाला में 18.28, यमुनानगर में 24.44, कुरूक्षेत्र में 29.68, करनाल में 29.60,सोनीपत में 28.39, पानीपत में 23.79, झज्जर में 30.31, हिसार में 26.24, फतेहाबाद में 23.11, •िावानी में 27.81, सबसे कम गुरुग्राम , फरीदाबाद और सिरसा में बिजली चोरी होती है। गुरुग्राम-1 में 10.37, गुरुग्राम-2 में 11.44, सिरसा में 18.67 और फरीदाबाद में 15.06 प्रतिशत बिजली चोरी होती है। इतना ही नहीं नारनौल में 26.83 और रेवाड़ी में 16.41 प्रतिशत बिजली चोरी होती है।

बिजली निगम के सीनियर अधिकारियों का कहना है कि डिफॉल्टरों से कैसे निपटते हैं, आजकल इस पर ही रणनीति तैयार हो रही है।
(Pardeep Malik)

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