कौन जाने, अलाउदीन खिलजी ने पद्मावती को आइने में देखा था या नहीं, पर फ़िल्म पर छिड़े विवाद ने देश की राजनीति और समाज का आइना अवश्य दिखा दिया है. राजस्थान की मुख्यमन्त्री वसुंधरा राजे सिंधिया कहती है मैं ठाकुर की बेटी हूँ ,जाट की बहू हूँ और गुज्जर की समधन हूँ.
बिना बदलाव के फ़िल्म रिलीज नहीं होगी.
वहीं, फ़िल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी तमाशा देख रहे हैं.
जसवंत झावेरी ने पद्मिनी की कहानी पर सन 1961 में सबसे पहले 'जय चित्तौड़' फ़िल्म बनाई थी. लेकिन उसका विरोध नहीं हुआ था और यह फ़िल्म भी पूरी तरह फ्लॉप रही थी.
फिर , 1963 में तमिल निर्देशक चित्रापू नारायण मूर्ति ने रानी पद्मिनी की कहानी पर "चित्तौड़ रानी पद्मिनी" फ़िल्म बनायी थी. इस फ़िल्म में मशहूर अभिनेत्री वैजयंती माला ने रानी पद्मिनी का क़िरदार निभाया था. यह फ़िल्म भी पूरी तरह फ्लॉप रही.
उसके बाद 1964 में पद्मिनी पर हिंदी में 'महारानी पद्मिनी'. फ़िल्म बनी,
इस फ़िल्म का निर्देशन जसवंत झावेरी ने ही किया था और अनिता गुहा ने रानी पद्मिनी का क़िरदार निभाया था. लेकिन यह भी पूरी तरह फ्लॉप रही.
बिना बदलाव के फ़िल्म रिलीज नहीं होगी.
वहीं, फ़िल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी तमाशा देख रहे हैं.
जसवंत झावेरी ने पद्मिनी की कहानी पर सन 1961 में सबसे पहले 'जय चित्तौड़' फ़िल्म बनाई थी. लेकिन उसका विरोध नहीं हुआ था और यह फ़िल्म भी पूरी तरह फ्लॉप रही थी.
फिर , 1963 में तमिल निर्देशक चित्रापू नारायण मूर्ति ने रानी पद्मिनी की कहानी पर "चित्तौड़ रानी पद्मिनी" फ़िल्म बनायी थी. इस फ़िल्म में मशहूर अभिनेत्री वैजयंती माला ने रानी पद्मिनी का क़िरदार निभाया था. यह फ़िल्म भी पूरी तरह फ्लॉप रही.
उसके बाद 1964 में पद्मिनी पर हिंदी में 'महारानी पद्मिनी'. फ़िल्म बनी,
इस फ़िल्म का निर्देशन जसवंत झावेरी ने ही किया था और अनिता गुहा ने रानी पद्मिनी का क़िरदार निभाया था. लेकिन यह भी पूरी तरह फ्लॉप रही.
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