इसके आगे सिर्फ विनाश है---

इसके आगे सिर्फ विनाश है---
 कहते हैं कि बेल(लता) और औरत नजदीक वाली चीज पर चढ़ते हैं। यह बात काफी हद तक सत्य है। लता हमेशा सहारा ढूंढती है उसके पास में कोई दीवार पेड़ या कुछ ऊंची चीज हो तो उस पर चढ़ जाती है।ठीक उसी तरह कुदरत ने स्त्री को इस तरह बनाया है कि वह सहारा जल्दी ले लेती है उदाहरण के तौर पर जब स्त्री छोटी होती है यानी बच्ची के रूप में तो वह अपने पापा की दुलारी होती है, जब उसकी शादी हो जाती है तो उसको पति से बेहद प्यार होता है और जब बुढ़ापे में होती है तो उसको पुत्र सबसे प्यारा होता है इन तीनों चीजों में एक बात कॉमन है कि परिवार में जो शक्ति का केंद्र होता है परिवार की महिलाएं उसी के साथ होती हैं (कृपया इसे अन्यथा ना लें, मैं पाक रिश्तों की बात कर रहा हूँ)
एक बच्ची को पिता क्यों प्रिय होता है मतलब साफ है उस समय पिता परिवार की शक्ति का केंद्र होता है। शादी के समय पति शक्तिशाली होता है अतः स्त्री पति की तरफ स्वतः आकर्षित हो जाती है और बुढापे में जब पुत्र जवान हो जाता है तो उम्रदराज महिला शक्तिशाली पुरुष यानी बेटे की तरफ झुकाव हो जाता है।
यह कुदरती स्वभाव ही है। हालांकि हो सकता है कि कुछ महानुभाव इस बात से इत्तेफाक ना रखते हों लेकिन यह कटु सत्य है।
अब बात करते हैं कि हमारे समाज में महिलाएं अन्य शक्तिशाली पुरुषों की तरफ भी क्यों आकर्षित होती हैं? इस चक्कर में वह अब अपना नुकसान क्यों करती ही हैं ? साथ में शक्तिशाली पुरुष को भी मिट्टी में क्यों मिला देती हैं ?
आपको राजस्थान का चर्चित भंवरी प्रकरण तो याद होगा ही इसमें एक महिला भंवरी ने राजस्थान के कद्दावर नेता परसराम मदेरणा के साथ इतनी नज़दीकियां बढाईं कि अंत में उसकी हत्या हो गई जिसके चलते मदेरणा का राजनीतिक जीवन तबाह हो गया और उनको जेल की हवा खानी पड़ी। कारण साफ है कि उम्र में खुद से इतने बड़े परसराम मदेरणा की तरफ से भंवरी का आकर्षण सत्ता का आकर्षण था।
आपको उत्तर प्रदेश का चर्चित मधुमिता बिष्ट कांड भी याद होगा।
इसमें यूपी के कद्दावर नेता अमरमणि त्रिपाठी की तरफ मधुमिता नामक एक युवती आकर्षित हो गई थी। इसमें भी आखिर में मधुमिता की हत्या हुई और मदेरणा की तरह अमरमणि त्रिपाठी भी जेल गए। कारण वही रहा सत्ता की चमक और प्रभाव। नहीं तो एक शादीशुदा व्यक्ति की तरफ मधुमिता का आकर्षित होना क्या इंगित करता है।
अब बात करते हैं इंद्राणी मुखर्जी की। इंद्राणी मुखर्जी ने एक औसत महिला होते हुए भी एक कद्दावर शख्सियत पीटर मुखर्जी जिंदगी में भूचाल ला दिया। कारण फिर वही रहा पैसे की चकाचौंध और मुखर्जी का रुतबा।
अब बात आती है हनीप्रीत की। हम यह तो नहीं कह सकते कि राम रहीम और हनीप्रीत के बीच में क्या संबंध थे ? लेकिन जिस तरह चर्चा हो रही है उनके मुताबिक वैसे तो हनीप्रीत राम रहीम की गोद ली हुई बेटी है लेकिन हनीप्रीत के पूर्व पति विश्वास गुप्ता के अनुसार हनीप्रीत और राम रहीम में अवैध संबंध थे। बताया जाता है कि राम रहीम के उत्थान और पतन में हनीप्रीत की भूमिका रही है।कुछ भी हो यह मामला उपर्युक्त मामलों से अलग नहीं है। बात वहीं घूम-फिरकर आती है कि हनीप्रीत राम रहीम की तरफ आकर्षित क्यों हुई ? जवाब स्पष्ट है राम रहीम का रुतबा उसका साम्राज्य और उसके समर्थकों का विशाल हुजूम।
हनीप्रीत अत्यंत महत्वकांक्षी महिला रही है देखते ही देखते उसने डेरे में अपना लोहा मनवा लिया। इन सब के पीछे बाबा के प्रति आकर्षण मुख्य रहा।
अब सवाल यह है कि आखिर ये घटनाएं बार-बार क्यों हो रही हैं ? इनका अंजाम पता है तो फिर भी कुछ महिलाएं शक्तिशाली पुरुषों की तरफ क्यों खिंची चली आती हैं ? जवाब पहले ही दिया जा चुका है ये सभी सफलता का शॉर्टकट ढूंढती हैं और शक्तिशाली पुरुषों को अपने मोह जाल में फंसाती है। बाद में बेहद दर्दनाक अंत को प्राप्त होती हैं क्योंकि शक्तिशाली पुरुष का भी पहले से ही परिवार होता है। उनका परिवार किसी नई महिला की एंट्री को बर्दाश्त नहीं कर सकता। ऐसे में आखिर में शक्तिशाली पुरुष को उस महिला का मर्डर करवाना ही एकमात्र विकल्प समझ में आता है। इन्वेस्टिगेशन होती है, जिसमें सारी बातें साफ हो जाती हैं और शक्तिशाली पुरुष को भी अंततः जेल में जाना पड़ता है।
सार्वभौमिक सत्य है कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है जिन महिलाओं को बुलंदी छूनी है उन्हें अपने क्षमताओं पर विश्वास करना होगा और साफ-सुथरे तरीके से सत्ता पर काबिज होना होगा। किसी शक्तिशाली पुरुष को प्रेम-प्यार के मोहजाल में फंसाकर सत्ता और पैसे का क्षणिक आनंद तो लिया जा सकता है लेकिन हमेशा के लिए नहीं।
यह सही नहीं है, अंततः दोनों पक्षों को इससे हानि उठानी पड़ती है।
अंत में कहना चाहूँगा कि राजनीति में बहुत सी ऐसी महिलाएं भी हुई हैं जिन्होंने बिना राजनैतिक विरासत और बिना किसी शक्तिशाली पुरुष के भी अपनी पहचान बनाई है। ममता बैनर्जी, सुषमा स्वराज और उमा भारती आदि ऐसी महिलाओं के उदाहरण भरे पड़े हैं।

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