जिसमें शिशु लिंगानुपात के बारे में सही और पुख्ता

एक लंबे अर्से के बाद आखिरकार सरकार को वह रिपोर्ट मिल गई है, जिसमें शिशु लिंगानुपात के बारे में सही और पुख्ता जानकारी है। अ•ाी तक शिशु लिंगानुपात के बारे में जो दावे किए जा रहे थे, वह स्थिति पूरी तरह से सही नहीं है, आंकड़ों में गड़बड़ियां मिली हैं। मिली जानकारी के मुताबिक जुलाई 2017 तक का जो डाटा आया है उसमें लड़कियों की संख्या 909 है, लेकिन यह •ाी सही नहीं है, क्योंकि कई जगह पर लड़कों के जन्म का रजिस्ट्रेशन देरी से किए जाते हैं। यदि सही समय पर ठीक से रजिस्ट्रेशन हो तो शिशु लिंगानुपात मामले में 1000 लड़कों के पीछे 884 लड़कियां ही हैं।
 
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने 5 जून को स्वास्थ्य वि•ााग के अतिरिक्त मुख्यसचिव अमित झा को आदेश दिए थे कि वे इस मामले की जांच करके बताएं। उसके बाद इस मामले की जांच की गई, जिसमें पाया गया कि नारनौल में लड़कों की संख्या को लड़कियों की जगह दिखाया गया है। इस मामले में कंप्यूटर आपरेटर की गलती बताई जा रही है।
 
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत में देशवासियों से •ाावनात्मक अपील करते हुए बेटियों के जीवन की •ाीख मांगते हुए डाक्टरों से कहा था कि पैसा कमाने के लिए क्या यही धंधा बचा है? उनकी अपील के बाद निश्चित तौर पर कन्याओं की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन नंबर बनाने के खेल में हरियाणा में लड़कियों की संख्या में बेताहाशा वृद्धि दिखा दी गई है। 

लेकिन, अब अनिल विज के पास जो रिपोर्ट गई है उसमें स्पष्ट लिखा है कि यदि लड़कों के जन्म के बारे में देरी से रजिस्ट्रेशन किया जाए तो आंकड़े कुछ और बनेंगे और यदि बगैर देरी के रजिस्ट्रेशन होता है तो आंकड़े ओर कुछ बोलेंगे।

हैरानी की बात यह है कि •ाारत सरकार में अ•ाी तक 2015 तक शिशु लिंगुनपात के ही आंकड़े गए हैं, 2016 की रिपोर्ट अ•ाी जानी है। जबकि यहां पर हर माह एक फिगर तैयार होती है जिसके आधार पर वाहावाही लूटी जाती है। प्रदेश में शिशु लिंगानुपात का डाटा 650 जगहों से एकत्रित किया जाता है। हर सेंटर से डाटा आगे पीछे आता रहता है, लेकिन यदि सही डाटा की बात करें जिसमें हेराफेरी की कम गुजाइंश है, उसके मुताबिक जुलाई 2017 तक की रिपोर्ट के मुताबिक अंबाला में लड़कियों की संख्या 916 है, •िावानी में 875, फरीदाबाद में 889, फतेहाबाद में 884, गुरुग्राम में 883, हिसार में 870, झज्जर में 923, जींद में 870, कैथल में 843, करनाल में 905, कुरुक्षेत्र में 898, मेवात में 888, महेंद्रगढ़ में 837, पलवल में 892, पंचकूला में 905, पानीपत में 923, रेवाड़ी में 848, रोहतक में 859, सिरसा में 882, सोनीपत में 880 और यमुनानगर में यह संख्या 909 है। इस हिसाब से औसतन लड़कियों की संख्या 884 के आसपास बनती है। 

अब अनिल विज के पास दो तरह के आंकड़े हैं एक तो वह जिसमें शिशुओं के जन्म (लड़का और लड़की दोनों) का रजिस्ट्रेशन देरी से होता है फिर फिगर अलग है और यदि सही समय पर रजिस्ट्रेशन हो तो डाटा अलग बन जाता है। 

इस हिसाब से यदि देरी से रजिस्ट्रेशन किया जाता है तो 2014 में शिशु लिंगानुपात 871, 2015 में 875, 2016 में 900 और जुलाई 2017 तक का 909 है। 

यदि ठीक समय पर रजिस्टेÑशन हो तो यह डाटा 2014 में 843, 2015 में 851, 2016 में वृद्धि हुई और यह आंकड़ा 865 पर पहुंच जाता है और जुलाई 2017 तक का यह डाटा 884 बनता है। 
आज समाज के पास यह रिपोर्ट है जिसमें शिशुलिंगानुपात के मामले में यह जानकारी दी गई है। हांलाकि यह बात सही है कि अब पीएनडीटी एक्ट का सख्ताई से पालना हो रही है और शहरों में शिशु के जन्म का तत्काल रजिस्ट्रेशन •ाी होता है, लेकिन आज •ाी गांव देहात से सही समय पर रजिस्ट्रेशन की डिटेल नहीं आती है। 

वर्जन 

‘‘मैंने रिपोर्ट पढ़ ली, नारनौल की बात बिल्कुल सही है, वहां पर लड़कियों और लड़कों की संख्या आपस में बदली गई है। लेकिन, सख्त आदेश दे दिए हैं कि इस मामले में सही जानकारी दी जानी चाहिए, इस रिपोर्ट की जल्द समीक्षा की जाएगी। ’’

-अनिल विज, स्वास्थ्य मंत्री, हरियाणा सरकार

Comments

Popular Posts

Doordarshan Era Newsreaders and Anchors

मशहूर अमरूद की ललित किस्म अब अरुणाचल प्रदेश के किसानों की अामदनी बढ़ाएगी,

जाने ये किस की बनाई हुई तस्वीरें हैं -अमीर क़ज़लबाश

31 जनवरी 2018 तक पूरे देश के गन्ना किसानों का 13931 करोड़ रुपए बकाया है

अमीर क़ज़लबाश 1943-2003दिल्ली

बशीरबद्र

हर शाम एक मसअला घर भर के वास्ते -अमीर क़ज़लबाश

लहू में भीगे तमाम मौसम गवाही देंगे कि तुम खडे थे !

नया हरियाणा कैसे बने (भाग-3 )

SHARE YOUR VIEWS

Name

Email *

Message *