CAA नागरिकता संशोधन क़ानून -कुछ सवाल, वरिष्ठ पत्रकार गुरदीप सप्पल
वरिष्ठ पत्रकार गुरदीप सप्पल ने कुछ सवाल उठाए हैं---- A MUST-READ... CAA यानि नागरिकता संशोधन क़ानून जो बनाया है, क्या उससे पहले शरणार्थी ग़ैर मुस्लिम लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान नहीं था? पहले अगर कोई मुस्लिम शरणार्थी भारत की नागरिकता माँगता था, तो क्या उसकी माँग को मानना सरकार की मजबूरी होती थी? क्या सरकार उसे नागरिक बनाने से मना नहीं कर सकती थी? अगर किसी शरणार्थी को नागरिकता देने या न देने का पूरा अधिकार सरकार को पहले से था, तो इस नए संशोधन से सरकार को और क्या मज़बूती मिली है? क्या अब कोई मुस्लिम शरणार्थी भारत में कभी नागरिकता नहीं माँग पायेगा? अगर माँगेगा, तो क्या उसे भारत की नागरिकता मिल सकती है आज तक देश ने कितने हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को नागरिकता दी है, डेटा पूछिए। कितने मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता पिछले 70 साल में भारत ने दो है? . अगर पहले भी नागरिकता देने या न देने का पूरा अधिकार सरकार को पहले से है, और मुस्लिम भी पुराने क़ानून के तहत अभी भी नागरिकता के लिए अप्लाई कर सकते हैं, तो फिर इस नए क़ानून की ज़रूरत क्या ...